संगठन में शक्ति Power Of Unity

power of unity

संगठन मे शक्ति Power Of Unity

एक बार एक किसान था। वह बहुत ज्ञानवान था। वह स्वभाव से बहुत उदार था। उसके चार बेटे थे। चारों आपस में हमेशा लड़ते रहते थे। कभी भी मिल-जुल कर नहीं रहते थे। उन्हें संगठन की शक्ति का अंदाजा ही नहीं था।
किसान उनको देख – देख कर परेशान हुआ करता था। वह सोचता कि मेरे जाने के बाद इनका क्या होगा। कोई भी इन लोगों में फूट डाल देगा। किसान यही सोचकर दुखी रहता था। परंतु वह क्या कर सकता था। अतः उसने समय पर सब छोड़ दिया था।
कुछ समय बाद जब किसान की उम्र बढ़ने लगी तो वह अस्वस्थ रहने लगा। अब उसे अपने बेटों की चिंता और भी अधिक सताने लगी, तभी उसके दिमाग में एक तरकीब आई।
एक दिन उसने अपने चारों बेटों को अपने पास बुलाया। और प्रत्येक को लकड़ी का एक एक गट्ठर दे दिया। और उनसे कहा कि वे उस गट्ठर को तोड़े। सभी ने अपने पूरे बल के साथ उस गट्ठर को तोड़ने की भरसक कोशिश की, परंतु उसे तोड़ नहीं पाए।
इसके उपरांत उस किसान ने गट्ठर की सभी लकड़ियों को अलग अलग कर दिया। और अपने प्रत्येक बेटे से लकड़ी तोड़ने के लिए कहा अब उसके बेटों ने आसानी से सभी लकड़ियां तोड़ दी ।
किसान के बड़े बेटे ने अपने पिता से पूछा के पिताजी आप यह क्यों करवा रहे हैं। तो किसान ने उत्तर दिया “बेटे मैं इस कार्य से तुम लोगों को सिर्फ यह समझाने का प्रयास कर रहा हूं, की जिस तरह लकड़ियों को गट्ठर में तुम सब तोड़ नहीं पाए। क्योंकि, लकड़ियां संगठित थी वही जब लकड़ियां अलग अलग हुई तो तुमने उन्हें आसानी से तोड़ दिया। क्योंकि अब वे अकेली थी उनमें संगठन की शक्ति नहीं थी।इसी प्रकार यदि तुम चारों भाई अलग रहे आपस में लड़ते रहे, तो कोई भी तुम्हें हानि पहुंचा सकता है। परंतु यदि तुम चारों मिलकर रहो तो कोई तुम्हें कभी भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इसलिए मैं चाहता हूं तुम चारों भाई हमेशा संगठित रहो आपस में लड़ाई झगड़ा ना करो जिससे किसी बाहर वाले को तुम्हारे घर में फूट डालने का मौका ना मिले।”
अपने पिता की बात सुनकर चारों भाइयों को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने अपने पिता से वादा किया की वे चारों भाई आगे से आपस में प्रेम पूर्वक मिलजुल कर रहेंगे कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं करेंगे।

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