Depression in Hindi एक हिन्दी लेख है । जिसके माध्यम से अवसाद जैसी मानसिक बीमारी के बारे मे जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। Depression या अवसाद एक दिमागी अवस्था है। इसे एक मानसिक बीमारी भी कह सकते हैं। इस बीमारी में मरीज की सोचने समझने का तरीका बिल्कुल बदल जाता है।
Depression Meaning In Hindi
( अवसाद क्या है )
डिप्रेशन एक चिंता दुख का भाव है। जो लंबे समय तक हमारे दिल और दिमाग पर हावी रहता है। जिसकी वजह से व्यक्ति खुशी में भी दुख ही ढूंढता रहता है।
उसको हर किसी चीज में चाहे वह कितनी भी अच्छी क्यों ना हो बुराई ही नजर आती है कमी ही नजर आती है
1. Causes Of Depression
(अवसाद के कारण )
Depression एक ऐसी बीमारी जिसका कोई एक कारण समझ नही आता । कई बार कोई किसी tension या सदमे की वजह से इस बीमारी की चपेट में आ जाता है । इसके biological cause की बात करें तो doctors का कहना है की ये बीमारी हमारे दिमाग में हार्मोनल असंतुलन की वजह से होती है।
हम यह भी कह सकते है की लंबे समय तक तनाव मे रहने की वजह से हमारे दिमाग मे हार्मोनल असंतुलन होता है । ऐसा लंबे समय तक चलता रहे तो वह Depression में बदल जाता है।
2. Symptoms Of Depression In Hindi
( अवसाद के लक्षण )
हर व्यक्ति मे Depression के अलग – अलग Symptoms हो सकते हैं । कुछ ऐसे सामान्य लक्षण भी है, जो लगभग सभी मरीजों मे दिखाई देते है वे यहाँ बताए गए हैं –
1. उदास रहना –
Depression का मरीज हमेशा उदास रहने लगता है । कोई सामान्य व्यक्ति हमेशा ही उदास नही रहता
एक सामान्य व्यक्ति तभी उदास होता है, जब उसके साथ कुछ बुरा हुआ हो। कोई दुर्घटना घटी हो।और यदि कुछ अच्छा होता है तो वह खुश भी हो जाता है।
अपने दुख को भूल कर के सामान्य हो जाता है। परंतु अवसाद ग्रसित व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाता।
उसके साथ चाहे अच्छा हो चाहे बुरा वह खुश नहीं होता। वह हमेशा दुखी रहता है उदास रहता है । वह खुद को दुनियाँ का सबसे दुखी इंसान समझने लगता है ।
2.स्वयं को दोष देना –
ऐसे व्यक्ति हर बात के लिए स्वयं को दोष देते हैं। चाहे उसमें उनकी गलती हो या ना हो।
उन्हें लगने लगता है जो भी कुछ गलत हो रहा है, वह उनकी ही वजह से हो रहा है।
ऐसा सोच सोच कर वे स्वयं को एक प्रॉब्लम समझने लगते हैं उन्हें लगता है कि वे कभी कुछ ठीक नहीं कर सकते।
3. अनिन्द्रा –
अवसाद ग्रसित व्यक्ति को अनिद्रा अथवा नींद ना आने की भी समस्या रहती है।
इसकी अवस्था भी अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग प्रकार की होती है।
कुछ व्यक्तियों को नींद आती ही नहीं है। कुछ व्यक्तियों को बहुत देर रात गए नींद आती है। कुछ लोगों को नींद आती तो है, परंतु रात में कई बार टूटती है।
यह हम कह सकते हैं कि वह ठीक से सो नहीं पाते। और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सुबह अपने दैनिक समय से काफी पहले उठ जाते हैं। मतलब उनकी नींद सुबह जल्दी खुल जाती है।
पर सभी में एक बात कॉमन है। कि वे ठीक से सो नहीं पाते या अच्छी नींद नहीं ले पाते।
4. भूख का अनियमित होना –
इस अवस्था में व्यक्ति की भूख भी प्रभावित होती है।
अधिकतर व्यक्तियों में भूख कम हो जाती है। कुछ खाने पीने का मन नहीं करता। जिससे उनका वजन भी कम होने लगता है।
परंतु कुछ व्यक्तियों में इस के उलट प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। मतलब भूख बढ़ जाती है। और व्यक्ति अधिक खाना खाने लगता है। जिसकी वजह से वजन बढ़ने लगता है।
5. नकारात्मक विचार आना –
Depression में जो व्यक्ति होता है। वह हमेशा नेगेटिव सोचता है। उसके मन में हमेशा नेगेटिव थॉट्स चलती रहतीं है।
वह कोई कार्य करने की कोशिश करता भी है तो सबसे पहले सोचता है ” मैं इसे नहीं कर सकता” या मुझ से कुछ नहीं होगा या “मैं किसी लायक नहीं हूं ”
वह सोचता है “मुझे कोई प्यार नहीं करता” या “मुझे कोई पसंद नहीं करता”अथवा “मेरी किसी को जरूरत नही”
उसे हर चीज में नकारात्मकता दिखती है। वह कोई अच्छी चीज देखना ही नहीं चाहता।
6. हमेशा रोने का मन करना –
रोगी व्यक्ति का हमेशा रोते रहने का मन करता है।वह अधिकतर समय अकेले में रोने में बिताता है।
उसे लगता है वह दुनिया में सबसे ज्यादा दुखी और परेशान है। वह स्वयं को औरों से हीन समझने लगता है।
और इसीलिए पनी बातें, अपनी परेशानियां, अपनी तकलीफ, किसी से कह नहीं पाता बस अकेलेपन मैं रोता रहता है।
उसके मन में स्वयं को चोट पहुंचाने की खयाल आते रहते हैं। उसे लगता है उसकी जिंदगी की कोई आवश्यकता नहीं है। वह बहुत ही बेकार जिंदगी जी रहा हैं।
ऐसी जिंदगी से ज्यादा अच्छा उसे मर जाना लगता है। इसीलिए कई बार डिप्रेशन का अंत आत्महत्या के रूप में होता है।
ऐसा नहीं है कि डिप्रेशन का इलाज संभव नहीं है। इसका इलाज है, यह बीमारी और बीमारियों की तरह पूरी तरह ठीक हो सकती हैं।
लेकिन पहली जरूरत है कि मरीज यह एक्सेप्ट करें कि उसे यह बीमारी है। वह यह न सोचें उसे यह बीमारी नहीं हो सकती।
वह किसी डॉक्टर के पास जाने से घबराए नहीं। क्योंकि अधिकतर लोग किसी साइकेट्रिस्ट के पास जाना ही नहीं चाहते।
क्योंकि उन्हें लगता है साइकेट्रिस्ट पागलपन के इलाज के लिए होते हैं। वह यह भी सोच लेते हैं डिप्रेशन एक पागलपन और वे पागल नहीं है।
3. Cure Of Depression In Hindi
( अवसाद का इलाज )
इसका इलाज दो तरीकों से होता है। पहला तरीका दवाइयों का और दूसरा तरीका काउंसलिंग का।
पहले तरीके में इससे संबंधित दवाइयां दी जाती है। दूसरे तरीके में काउंसलिंग द्वारा, व्यक्ति के नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदला जाता है।
बेहतर परिणाम के लिए आवश्यक है कि दोनों प्रकार का उपचार कराया जाए
क्या करें what to do
अगर आप या आपका कोई प्रिय जन ऊपर बताए गए लक्षणों से ग्रसित है।
तो सावधान हो जाइऐ, यह डिप्रेशन हो सकता है। इस अवस्था में जरूरी है कि व्यक्ति को अकेला ना छोड़ा जाए। उस से दूरी ना बनाए। उसे एहसास दिलाएं कि वह आप सबके लिए बहुत जरूरी है।
और आप सभी उसे बहुत प्यार करते हैं। डिप्रेशन एक बीमारी है। कोई भी व्यक्ति जानबूझकर बीमार नहीं पड़ता।
तो उसे इस बीमारी के कारण हीन महसूस ना करवाएं। उसे दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए प्रेरित करें।
उसके डिप्रेशन की वजह ढूंढने का प्रयास करें और सबसे जरूरी बात किसी अच्छ डॉक्टर से इलाज करवाएं और उसकी दिए हुए निर्देशों का पूर्णता पालन करें।
Depression In Hindi के माध्यम से आपको इस बीमारी के बारे मे जानकारी देने का हमारा ये ही मकसद है आप अपने आस पास के लोगों के व्यवहार मे आए changes के प्रति सजग रहें । क्योंकि यह एक घातक बीमारी है। जिसकी वजह से बहुत सारे लोग हर साल आत्महत्या कर लेते हैं।
अगर आपके आसपास आपका कोई मित्र, पड़ोसी या रिश्तेदार इस बीमारी से ग्रसित है। या आपको लगता है कि वह कुछ दिनों से कुछ अलग व्यवहार कर रहा है।
तो कृपया एक कदम आगे बढ़कर उसकी मदद करिये। उससे बात करिये। उसकी परेशानी सुनिये। उसकी मानसिक हालत को समझने की कोशिश कीजिए।
कई बार लोग किसी से बात नहीं कर पाने के कारण ही डिप्रेशन में चले जाते हैं। शायद आपसे बात करके अपनी परेशानी आपके साथ साझा करके कोई व्यक्ति डिप्रेशन में जाने से बच जाए और संभल जाए।
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