GROWTH MINDSET
GROWTH MINDSET ? दोस्तों क्या है ये growth mindset ..Growth Mindset का हिन्दी अर्थ है विकास शील मानसिकता । मानसिकता से मतलब है हमारे सोचने का तरीका । अपनी लाइफ में हम क्या करेंगे ये बहुत हद तक हमारी सोच पर निर्भर करता है । इस दुनिया मे दो तरह की मानसिकता वाले लोग होते है –
1.Fixed Mindset(स्थायी मानसिकता )
Fixed Mindset वाले लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होते हैं । ये किसी काम को शुरू करने से पहले ही उसका परिणाम निश्चित कर देते हैं ।
मतलब ये कि ये कार्य शुरू करने से पहले ही हार मान लेते है । बल्कि कभी कभी तो ये हार के डर से शुरुआत ही नही करते ।
ये असफल होने से बहुत डरते है ,छोटी सी असफलता इन्हें निराश करने के लिए काफी है ।
ये लोग ‘मैं ये नहीं कर पाऊँगा , मैं नही कर सकता , ये मुझसे नहीं होगा ,ये बहुत मुश्किल है’ जैसी नकारात्मक बातें करते हैं ।
ये अक्सर काम से बचने के लिए बहाने बनाते हैं । ये अपनी नाकामियों के लिए अपनी परिस्थितियों को दोषी मानते हैं और खुद मेहनत करने से घबराते हैं ।
Fixed Mindset वाले लोग नयी चुनौतियाँ लेने से डरते हैं । ये लोग अपने comfort zone से बाहर नहीं आना चाहते ।
इस तरह के लोगो का विकास नही हो पाता है क्योंकि विकास के लिए कड़ी मेहनत और positive energy कि जरूरत होती है जो इनके बस कि बात नहीं ।
Growth Mindset (विकासशील मानसिकता )-
Growth Mindset वाले लोगों का मानना होता है कि प्रतिभाएं जन्मजात नहीं होती, बल्कि लगातार अभ्यास से प्रतिभाओं का विकास किया जाता है ।
ये किसी सफल व्यक्ति कि सफलता का कारण उसकी मेहनत को समझते हैं न कि किस्मत को । इस तरह के लोग positivity से भरे हुए और hardworking होते हैं । ये कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं ।
ऐसा नहीं है कि ये कभी असफल नही होते ,ये भी नाकाम होते हैं लेकिन ये अपनी असफलताओं से सीख लेते हैं , अपने पूर्व प्रयासों मे हुई गलतियों को सुधारते हैं और सफल होने तक प्रयासरत रहते हैं ।
मैं कर सकता हूँ , मैं करूंगा , मुझे करना ही है ये growth mindset वालों की पसंदीदा लाइंस हैं ।
ये चुनौतियों से नहीं घबराते बल्कि इन्हे कठिन चुनौतियाँ लेने मे मज़ा आता है । इस mindset के लोग नयी चीज़ें करने और सीखने के लिए तत्पर रहते हैं ।
Fixed mindset और Growth mindset को हम एक छोटी सी कहानी के द्वारा समझ सकते हैं –
एक बार एक गाँव मे राम और रमेश दो किसान थे । दोनों के पास दो-दो एकड़ ज़मीन थी । पर दोनों मे एक अंतर था ,और वह अंतर था उनके mindset का । राम fixed mindset वाला व्यक्ति था जबकि रमेश growth mindset रखता था ।
दोनों अधिकतर गेहूं – बाजरा आदि की खेती करते थे । एक बार उन्हे किसी ने रतञ्ज्योत (जेट्रोफा) की खेती की सलाह दी । जट्रोफा एक ऐसा प्लांट है जिससे bio-deasal बनाया जाता है ।
राम जो कि एक fixed mindset वाला व्यक्ति था वह किसी भी नयी चीज़ को आसानी से नहीं अपना पाता था ,उसने रतञ्ज्योत कि खेती करने से मना कर दिया ।
जबकि रमेश को नयी चीज़ें करने मे खुशी मिलती थी तो वह रतञ्ज्योत की खेती करने लगा ,और उसने खेती में बहुत मेहनत की क्यों कि उसने पहली बार ये किया था ।
कड़ी मेहनत के कारण रमेश के खेत में बहुत ही अच्छी रतञ्ज्योत की फसल हुई। जब उसने फसल को बाज़ार में बेचा तो उसे अपने पिछले सालों की तुलना मे कई गुना ज्यादा फायदा मिला ।
जबकि राम अभी भी वो ही पुरानी फसलें ही उगाता रहा ,उनमे भी वह लगातार डर की वजह से पूरी मेहनत नहीं कर पाता जिससे उसको अच्छा मुनाफा नही मिलता और वह रमेश की तुलना में खेती मे पिछड़ जाता है ।
निष्कर्ष –
अभी तक हमने दो तरह की मानसिकता , growth और fixed ,के बारे में बात की । दोनों में से यकीनन Growth Mindset बेहतर है । Growth mindset हमारी growth करवाता है जबकि fixed mindset हमारी growth को fixed कर देता है ।
फ़िक्स्ड मानसिकता हमें डरपोक और कायर बनाती है ,ये हमारी सीखने की आदत खत्म कर देती है जबकि विकासशील मानसिकता हमारा डर खत्म कर देती है , हमारे अंदर सीखने की ललक पैदा करती है ।
हम कह सकते हैं की फ़िक्स्ड मानसिकता हमें धीरे धीरे खत्म कर देती है ,जबकि विकासशील मानसिकता हमारे आस पास के लोगों व हमारे व्यक्तित्व का विकास करती है ।
तो सभी को अपने अंदर growth mindset का विकास करना चाहिए ,जिससे सभी का विकास हो ।