sangharsh hi jeevan hai एक motivational blog है । हम सभी अपने जीवन मे सफल होना चाहते हैं पर संघर्ष से बचना चाहते हैं ।
क्या ऐसा संभव है की कोई व्यक्ति बिना किसी संघर्ष या परेशानी के अपने जीवन में सफलता हासिल कर ले ,ऐसा कतई संभव नहीं है क्योंकि हर बड़ी सफलता के पीछे एक बड़ा संघर्ष होता है ।
संघर्ष की महानता ही निश्चित करती है की सफलता कितनी बड़ी होगी ।
जब तक ज़िंदगी है तब तक संघर्ष है , जब तक कोई व्यक्ति जीवित है वह संघर्ष करता है । जब ज़िंदगी खत्म तो संघर्ष भी खत्म हो जाता है । हम कह सकते हैं की संघर्ष जीवन का पर्याय है ।
कई ऐसे उदाहरण हैं प्रकृति मे जो साबित करते हैं कि sangharsh hi jeevan hai . एक बीज जब अंकुरित होता है तो इतना संघर्ष करता है की धरती का सीना फट जाता है और वो बीज उगता है।
एक बच्चा माँ की कोख से बाहर आने के लिए भी कड़े संघर्ष से गुज़रता है , तब कहीं जा कर नई दुनिया मे वो जन्म लेता है।
संघर्ष हमें हमारी खूबियों से परिचित करवाता है, ये हमारी क्षमता , हमारे सामर्थ्य का भान करवाता है । संघर्ष ही है जो हमें जीना सिखाता है ।
इसलिए friends हमको कभी भी किसी संघर्ष से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि संघर्ष सबूत है की हम जिंदा है ।
ये हमारे अंदर एक नया आत्मविश्वास भरता है हमें नई ऊंचाई तक ले कर जाता है ।
कभी महसूस करिए इसे कि कई बार हमें कोई काम बहुत ही मुश्किल लग रहा होता है और हिम्मत करके हम उस काम को करने की कोशिश करते है और वो काम सफलता पूर्वक हो जाता है, तो हमें बहुत खुशी होती है। क्या आसानी से मिली चीज की हमें इतनी खुशी मिलती है ? नहीं न !
मेहनत और संघर्ष से मिली कामयाबी की ही अहमियत होती है । बिन माँगे मोती भी मिले तो उतनी खुशी नहीं होगी जितनी अपनी मेहनत से मिली चीजों की होती है ।
जीवन में निरंतर संघर्ष आपको और भी बेहतर बनाता है ,इससे आपका व्यक्तित्व विकास होता है चीजों को देखने का आपका नजरिया बदलता है ।
संघर्ष करते हुए आप अपनी विपरीत हो चुकी परिस्थितियों को सुधार सकते हैं । अपने बुरे व्यक्त को कभी न कोसें , क्योंकि ये बुरा व्यक्त ही आपको संघर्ष के लिए प्रेरित करता है । जब हालत हमारे बर्दाश्त के काबिल नहीं रहते , तब हम खड़े होते हैं उन्हे बदलने के लिए ।
यदि आप अपने आस पास देखेंगे तो पाएंगे कि हर वस्तु संघर्षमय है , वो कोई छोटा सा कीट हो या बड़ा जानवर । क्योंकि संघर्ष उसके जीवन के लिए उतना ही जरूरी है जितनी साँसे । इसी संदर्भ में एक तितली की छोटी सी कहानी है –
Butterfly story (sangharsh hi jeevan hai)
एक बार एक तितली के कोकून से एक तितली बाहर निकलने वाली होती है । उस तितली को उस कोकून से बाहर निकलने मे बहुत दिक्कत हो रही होती है ।
तभी एक छोटा बच्चा वहाँ आता है और वो उस तितली को भी देखता है जो कोकून से बाहर निकलने की कोशिश कर रही होती है ।
बच्चे को तितली पर दया या जाती है वो तितली की मदद करने की सोचता है। और घर के अंदर जाकर कैंची ले आता है ,और कैंची से कोकून के छेद को बड़ा कर देता है।
बच्चा सोचता है की अब तितली आसानी से बाहर आ पाएगी । और सच मे तितली बड़ी आसानी से बाहर आ जाती है ।
लेकिन बाहर आने के बाद वो तितली उड़ नहीं पाती है ,क्योंकिउस तितली के बाहर आने की प्रक्रिया संघर्षमय नहीं थी जिसकी वजह से उसके पंख शरीर से चिपके हुए ही थे ।
बाहर आने की उस तकलीफ भरी प्रक्रिया में जब तितली जी जान से कोशिश करती है तो तितली के शरीर से तरल पदार्थ उसके पंखों मे जाता है । जिससे पंख फैलते है और मजबूत बनते हैं । और इन मजबूत पंखों की सहायता से तितली उड़ती है ।
वह तितली कुछ दिन ऐसे ही इधर उधर रेंगते हुए गुजार देती है , और एक दिन मर जाती है ।
निष्कर्ष :-
इस कहानी में जिस तरह तितली अपने शुरुआती संघर्ष से तो बच जाती है , लेकिन अपनी बाकी सारी ज़िंदगी जिंदा लाश की तरह गुजार देती है ।
जिस तरह कोकून से बाहर आने का संघर्ष तितली के पंखों को मजबूती देता है ,उसी प्रकार हमारे जीवन मे आने वाला कोई भी संघर्ष हमें और भी ज्यादा मजबूत बनाता है ।
संघर्ष हमेशा बेहतरी के लिए होता है । हो सकता है की शुरुआत मे हमें समझ न आए पर धीरे – धीरे हम ये जरूर महसूस कर पाते हैं ।
इसलिए जब भी कभी कोई विकट परिस्थिति सामने आए, तो मजबूत इरादों के साथ उसका मुकाबला करें । याद रखिए हर मुश्किल परिस्थिति आपको और बेहतर बनाती है ।