Top Zindagi Shayri (जिंदगी शायरी) in Hindi – 2020

Zindgi Ki Qaid जिंदगी की क़ैद

 यहाँ हर शख्श हर पल हादसा होने सेडरता है,

खिलौना है जो मिट्टी का  फनाह होने से डरता है ।

मेरे दिल के किसी कोने मे एक मासूम सा बच्चा ,

बड़ों की देख कर दुनियाँ बड़ा होने से डरता है ।

 

zindgi shayri

बहुत मुश्किल नहीं है आईने के सामने जाना

हमारा दिल मगर क्यूँ सामना होने से डरता है ।

ना बस में जिंदगी इसकी ना काबू मौत पर इसका ,

मगर  इंसान फिर भी कब खुदा होने से डरता है।

अजब यह ज़िंदगी की क़ैद है दुनियाँ का हर इंसान,

रिहाई मांगता है और रिहा होने से डरता है ।

 

Zindagi Shayri शीशे का घर

शीशे का जो मेरा घर नहीं होता ,

किसी के हाथ में पत्थर नहीं होता ।

कैसे बतायें की हुस्न बड़ा है या इश्क़ ,

सामना कभी खुलकर नहीं होता

 

zindgi shayri

कभी एक नज़र हो जाता है प्यार,

कभी साथ रह कर उम्र भर नहीं होता ।

प्यार से ही बंता है घर आशियाँ ,

ईंट पत्थर से बना मकान घर नहीं होता ।

इस भरम में लोग मरते व जीते रहे ,

फूलों  के हाथ मे खंजर नहीं होता ।

पीना पड़ता है जमाने का जहर,

नाम से कोई शंकर नही होता

 

मेरा गाँव  Zindagi shayri

बड़ा भोला है बड़ा सच्चा है ,

तेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है ।

वहाँ मैं मेरे पिता के नाम से जाना जाता हूँ,

और यहाँ मकान नंबर से पहचाना जाता हूँ।

यहाँ कोठी बंगला और कार है ,

वहाँ संस्कार और मेरा परिवार है ।

मत समझो कमजोर हमें जो हम गाँव से आए है ,

तेरे शहर के बाज़ार मेरे गाँव ने ही सजाये हैं ।

 

खैरात zindagi shayri

खुशियों की चाहत मे मुझको गम की ये सौगात मिली ,

सोये -सोये से कुछ दिन और जागी-जागी रात मिली।

कुछ टूटे ख्वाबों के टुकड़े कुछ बीते लम्हों की याद ,

तन्हाई और अश्कों की मुट्ठी भर खैरात मिली ।

अपनी जानिब से हर कीमत पर वफा निभाने की खातिर ,

दांव लगा के जीवन को उलफत की ये दाद मिली ।

याद नहीं क्या नाम है मेरा पता नहीं की कौन हूँ मैं ,

बेनाम से कुछ रिश्तों की मुझको ये सौगात मिली ।

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